आईपीसी धारा 130 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 130 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 130 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 130 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
ऐसे कैदी के निकल भागने में सहायता देना, उसे छुड़ाना या संश्रय देना
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 130 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 130 के अनुसार :-
ऐसे कैदी के निकल भागने में सहायता देना, उसे छुड़ाना या संश्रय देना
जो कोई जानते हुए किसी राजकैदी या युद्धकैदी को विधिपूर्ण अभिरक्षा से निकल भागने में मदद या सहायता देगा, या किसी ऐसे कैदी को छुडाएगा, या छुडाने का प्रयत्न करेगा, या किसी ऐसे कैदी को, जो विधिपूर्ण अभिरक्षा से निकल भागा है, संश्रय देगा या छिपाएगा या ऐसे कैदी के फिर से पकडे जाने का प्रतिरोध करेगा या करने का प्रयत्न करेगा, वह ‘[आजीवन कारावास] से या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।
स्पष्टीकरण– कोई राजकैदी या युद्धकैदी, जिसे अपने पैरोल पर भारत में कतिपय सीमाओं के भीतर यथेच्छ विचरण की अनुज्ञा है, विधिपूर्ण अभिरक्षा से निकल भागा है, यह तब कहा जाता है, जब वह उन सीमाओं से परे चला जाता है, जिनके भीतर उसे यथेच्छ विचरण की अनुज्ञा है |
Section 130 – “Aiding escape of, rescuing or harbouring such prisoner ”–
“Whoever knowingly aids or assists any State prisoner or prisoner of war in escaping from lawful custody, or rescues or attempts to rescue any such prisoner, or harbours or conceals any such prisoner who has escaped from lawful custody, or offers or attempts to offer any resistance to the recapture of such prisoner, shall be punished with 1[imprisonment for life], or with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.”
Explanation
A State prisoner or prisoner of war, who is permitted to be at large on his parole within certain limits in 2[India], is said to escape from lawful custody if he goes beyond the limits within which he is allowed to be at large.
लागू अपराध
ऐसे कैदी के निकल भागने में सहायता देना, उसे छुड़ाना या संश्रय देना
सजा – आजीवन कारावास या 10 साल की सजा + आर्थिक दण्ड
यह एक गैर जमानती, संज्ञेय अपराध है और सेशन न्ययालय द्वारा विचारणीय है।
आईपीसी की धारा 130 में सजा (Punishment) क्या होगी
यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 130 किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – ऐसे कैदी के निकल भागने में सहायता देना, उसे छुड़ाना या संश्रय देगा उसको आजीवन कारावास या 10 साल की सजा + आर्थिक दण्ड से दण्डित किया जा सकता है |
आईपीसी (IPC) की धारा 130 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 130 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक गैर -जमानती और संज्ञेय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि गैर – जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिलने में मुश्किल आती है क्योंकी CrPC में यह गैर – जमानतीय अपराध बताया गया है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 130 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
भागने में मदद करना, बचाना या शरण देना, या ऐसे कैदी की पुनरावृत्ति के लिए किसी भी प्रतिरोध की पेशकश | आजीवन कारावास या 10 साल की सजा + आर्थिक दण्ड | संज्ञेय | गैर – जमानतीय | सेशन न्ययालय द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |