आईपीसी धारा 123 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 123 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 123 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 123 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
युद्ध करने की परिकल्पना को सुकर बनाने के आशय से छिपाना
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 123 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 123 के अनुसार :-
युद्ध करने की परिकल्पना को सुकर बनाने के आशय से छिपाना
“जो कोई ‘[भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करने की परिकल्पना के अस्तित्वों को किसी कार्य द्वारा, या किसी अवैध लोप द्वारा, इस आशय से कि इस प्रकार छिपाने के द्वारा ऐसे युद्ध करने को सुकर बनाए, या यह सम्भाव्य जानते हुए कि इस प्रकार छिपाने के द्वारा ऐसे युद्ध करने को सुकर बनाएगा, छिपाएगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी, दंडनीय होगा।“
Section 123 – “ Concealing with intent to facilitate design to wage war ”–
“Whoever by any act, or by any illegal omission, conceals the existence of a design to wage war against the [Government of India], intending by such concealment to facilitate, or knowing it to be likely that such concealment will facilitate, the waging of such war, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.”
लागू अपराध
युद्ध करने की परिकल्पना को सुगम बनाने के आशय से छिपाना।
सजा – 10 वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय के न्यायधीश द्वारा विचारणीय है।
आईपीसी की धारा 123 में सजा (Punishment) क्या होगी
यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 123 किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – युद्ध करने की परिकल्पना को सुगम बनाने के आशय से छिपाना, उसको 10 वर्ष कारावास +आर्थिक दण्ड दोनों दण्ड से दण्डित किया जा सकता है |
आईपीसी (IPC) की धारा 123 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 123 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक गैर -जमानती अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि गैर – जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिलने में मुश्किल आती है क्योंकी CrPC में यह गैर – जमानतीय अपराध बताया गया है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 123 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
युद्ध करने की परिकल्पना को सुगम बनाने के आशय से छिपाना। | 10 साल + जुर्माना | संज्ञेय | गैर जमानतीय | सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |