आईपीसी धारा 442 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 442 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 442 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 442 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
गृह-अतिचार
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 442 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 442 के अनुसार :-
गृह-अतिचार
जो कोई किसी निर्माण, तम्बू या जलयान में, जो मानव-निवास के रूप में उपयोग में आता है, या किसी निर्माण में, जो उपासना-स्थान के रूप में, या किसी संपत्ति की अभिरक्षा के स्थान के रूप में उपयोग में आता है, प्रवेश करके या उसमें बना रह कर, आपराधिक अतिचार करता है, वह “गृह-अतिचार करता है, यह कहा जाता है ।
स्पष्टीकरण
आपराधिक अतिचार करने वाले व्यक्ति के शरीर के किसी भाग का प्रवेश गृह-अतिचार गठित करने के लिए पर्याप्त प्रवेश है।
Section 442 – “ House trespass”–
Whoever commits criminal trespass by entering into or remaining in any building, tent or vessel used as a human dwelling or any building used as a place for worship, or as a place for the custody of property, is said to commit “house-trespass”.
Explanation
The introduction of any part of the criminal trespasser’s body is entering sufficient to constitute house-trespass.
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 442 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |