आईपीसी धारा 449 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 449 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 449 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 449 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
मृत्यु से दंडनीय अपराध को रोकने के लिए गृह-अतिचार
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 449 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 449 के अनुसार :-
मृत्यु से दंडनीय अपराध को रोकने के लिए गृह-अतिचार
जो कोई मृत्यु से दंडनीय कोई अपराध करने के लिए गृह अतिचार करेगा, वह ‘[आजीवन कारावास से, या कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से अधिक नहीं होगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा |
Section 449 – “ House-trespass in order to commit offence punishable with death ”–
“Whoever commits house-trespass in order to the committing of any offence punishable with death, shall be punished with 1[imprisonment for life], or with rigorous imprisonment for a term not exceeding ten years, and shall also be liable to fine.”
लागू अपराध
मृत्यु से दंडनीय अपराध को रोकने के लिए गृह–अतिचार
सजा – आजीवन कारावास या 10 साल कारावास + आर्थिक दण्ड |
यह एक ग़ैर- जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
आईपीसी की धारा 449 में सजा (Punishment) क्या होगी
यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 449 किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – मृत्यु से दंडनीय अपराध को रोकने के लिए गृह-अतिचार, उसको आजीवन कारावास या 10 साल कारावास + आर्थिक दण्ड से दण्डित |
आईपीसी (IPC) की धारा 449 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 449 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक ग़ैर- जमानती अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि ग़ैर- जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिलने में मुश्किल होती है, क्योंकी CrPC में यह ग़ैर- जमानतीय अपराध बताया गया है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 449 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
मॄत्यु से दंडनीय अपराध के आयोग के आदेश में घर-अतिचार | आजीवन कारावास या 10 साल कारावास + आर्थिक दण्ड | संज्ञेय | ग़ैर- जमानतीय | सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |