आईपीसी धारा 469 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 469 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 469 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 469 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
ख्याति को अपहानि पहुंचाने के आशय से कूटरचना
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 469 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 469 के अनुसार :-
ख्याति को अपहानि पहुंचाने के आशय से कूटरचना
जो कोई कूटरचना इस आशय से करेगा कि वह दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख जिसकी कूटरचना की जाती है, किसी पक्षकार की ख्याति की अपहानि करेगी, या यह सम्भाव्य जानते हुए करेगा कि इस प्रयोजन से उसका उपयोग किया जाए. वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
Section 469 – “Forgery for purpose of harming reputation ”–
Whoever commits forgery, intending that the document or electronic record forged shall harm the reputation of any party, or knowing that it is likely to be used for that purpose, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, and shall also be liable to fine.
लागू अपराध
ख्याति को अपहानि पहुंचाने के आशय से कूटरचना
सजा – 3 वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के न्यायधीश विचारणीय है।
आईपीसी की धारा 469 में सजा (Punishment) क्या होगी
यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 469 किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – उस व्यक्ति से पूर्व शादी को छुपाने के साथ एक ही अपराध जिसके साथ बाद में शादी अनुबंधित है,, उसको 3 वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड दोनों दण्ड से दण्डित किया जा सकता है |
आईपीसी (IPC) की धारा 469 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 469 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक जमानती अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिल जाती है क्योंकी CrPC में यह जमानतीय अपराध बताया गया है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 469 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
किसी भी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने या यह जानने के उद्देश्य से जालसाजी कि इसका उपयोग उस उद्देश्य के लिए किए जाने की संभावना है | 3 साल कारावास की सजा + आर्थिक दण्ड | संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी के न्यायधीश द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |