वादी (Petitioner), प्रतिवादी (Respondent) क्या होता है | वादी – प्रतिवादी में क्या अंतर है


वादी (Petitioner), प्रतिवादी (Respondent) क्या है

भारत में सभी कार्य संविधान के अनुसार होते है, भारत की जनसँख्या 130 करोड़ से भी ज्यादा है | जिसके कारण आय दिन विवाद होते है | देश के सभी विवादों के निपटारे हेतु हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट रखा गया है | इसके अलावा देश के सभी जिलों में अदालतें बनाई गई है | जहाँ पर सभी लोगों के वाद प्रतिवाद सुलझाएं जाते है | सामान्य मामलों के निपटारे जिलें की छोटी अदालतों में ही कर दिए जाते है |

यदि कोई व्यक्ति वहां से संतुष्ट नहीं होता है तो फिर वह प्रदेश के हाई कोर्ट में मामला पहुंच जाता है, यदि मामला वहां पर नहीं सुलझता है या फिर संतुष्टि नहीं होती है, तो फिर यह मामला देश की राजधानी में सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाता है, फिर यहाँ पर मामलें का निपटारा किया जाता है | सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम फैसला होता है | अदालतीं में मामलों में वादी (Petitioner), प्रतिवादी (Respondent) शब्द भी सुनने में आते है, जो कोर्ट से ही संबंधित होते है | यदि आप भी वादी (Petitioner), प्रतिवादी (Respondent) क्या होता है, वादी – प्रतिवादी में क्या अंतर है, इसके विषय में जानना चाहते है तो यहाँ पर पूरी जानकारी दी जा रही है |

परिवाद पत्र क्या है



वादी (Petitioner), प्रतिवादी (Respondent) का मतलब

हमारे सामने जयादातर रोजाना की ज़िन्दगी में वादी – प्रतिवादी शब्दों को सुनते रहते हैं। परन्तु इसके मतलब को बहुत काम लोग जानते हैं | अगर साधारण भाषा में समझा जाए तो , वादी : वह व्यक्ति होता है, जो किसी के बारे में न्यायालय में शिकायत या याचिका दायर करता है, वह वादी होता है |प्रतिवादी: प्रतिवादी वह व्यक्ति होता है जो वादी व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाता है |

वादी – प्रतिवादी में क्या अंतर है

वादी (Petitioner) क्या होता है

वादी उस व्यक्ति को कहा जाता है जो किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध अदालत के मामले या फिर कोई कानूनी कार्यवाही आरम्भ करता है। इस प्रकार, कानून की अदालत के साथ कार्रवाई फ़ाइल करना। ऐसे ही एक उदाहरण की बात करे तो, वादी एक अन्य व्यक्ति या फिर किसी संस्था से संबंधित न्यायालय के समक्ष एक मुद्दा लाता है। कुछ अदालतों में, वादी को ‘ दावेदार ‘ या ‘ शिकायतकर्ता’ कहा जाता है। वादी द्वारा दायर शिकायत में आम तौर पर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किए गए कुछ गलत प्रतिबद्धता के लिए निवारण या राहत की मांग करने वाली प्रार्थना होती है। यदि वादी अपने केस को सही साबित करने में सफल है, तो फिर न्यायालय वादी के पक्ष में निर्णय देता है। ज्यादातर देखा गया कि जब कोई वादी किसी कार्यवाही की शुरुआत करता है, तो वह अपराधी पक्षों द्वारा किए गए आरोपों को सूचीबद्ध करता है। आपराधिक कार्रवाई के दौरान वादी का प्रतिनिधित्व राज्य से होता है।इस दौरान एक से भी अधिक वादक हो सकते हैं |

शपथ पत्र (Affidavit) क्या होता है

प्रतिवादी (Respondent) क्या होता है

प्रतिवादी एक व्यक्ति है जिसके खिलाफ वादी द्वारा कार्रवाई की जाती है। साधारण भाषा में, प्रतिवादी एक कथित आरोप के लिए मुकदमा दर्ज व्यक्ति होता है | एक प्रतिवादी भी अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए भरपूर प्रयास करता है और अपने ऊपर वादी द्वारा लगाए गए सूचीबद्ध आरोपों से इनकार करता हैं। वादी को सबूत जुटाकर साबित करना होता है कि प्रतिवादी ने आरोप किये है, प्रतिवादी को भी अदालत में अपने आप को निर्दोष साबित करने का मौका दिया जाता है।

वादी और प्रतिवादी के मध्य मुख्य अंतर 

  1. एक वादी वह व्यक्ति होता है जो किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई को आरम्भ करता है।
  2. प्रतिवादी वह व्यक्ति होता है जिसपर वादी द्वारा मुकदमा चलाया जाता है |
  3. आपराधिक मामलों में एक प्रतिवादी भी अभियुक्त के रूप में माना जाता है |
  4. प्रतिवादी के विरुद्ध वादी को आरोप साबित करना होता है |

दोस्तों आपको हमने यहाँ इस लेख के माध्यम से वादी और प्रतिवादी के विषय में जानकारी दी है | यदि फिर भी इस वादी और प्रतिवादी से सम्बन्धित कुछ भी शंका आपके मन में हो या इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमसे बेझिझक पूँछ सकते है |

आरोप पत्र क्या होता है 

यदि आप अपने सवाल का उत्तर प्राइवेट चाहते है तो आप अपना सवाल कांटेक्ट फॉर्म के माध्यम से पूछें |

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