आईपीसी धारा 144 क्या है
भारतीय दंड संहिता में “घातक आयुध से सज्जित होकर विधिविरुद्ध जमाव में सम्मिलित होना” अपराध माना गया है,इसको भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 144 में परिभाषित (डिफाइन) किया गया है | यहाँ हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 144 किस तरह अ लागू की जाएगी | भारतीय दंड संहिता यानि कि IPC की धारा 144 क्या है, इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से समझने का प्रयास करेंगे |
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 144 में सजा के बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं, और इसमें कितनी सजा देने की बात कही गई है? इनके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 144 में जमानत के बारे में क्या बताया गया है ? सभी बातों को आज हम विस्तृत रूप से यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 144 के अनुसार :-
घातक आयुध से सज्जित होकर विधिविरुद्ध जमाव में सम्मिलित होना-
“जो कोई किसी घातक आयुध से. या किसी ऐसी चीज से, जिससे आक्रामक आयुध के रूप में उपयोग किए जाने पर मृत्यु कारित होनी संभाव्य है, सज्जित होते हुए किसी विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य होगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा “।
S. 144 – “Joining unlawful assembly armed with deadly weapon”–
“Whoever, being armed with any deadly weapon, or with anything which, used as a weapon of offence, is likely to cause death, is a member of an unlawful assembly, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both”.
लागू अपराध
घातक आयुध से सज्जित होकर विधिविरुद्ध जनसमूह में सम्मिलित होना अपराध माना जायेगा ।
सजा – 2 वर्ष तक का कारावास या आर्थिक दण्ड या फिर दोनों दंड से दण्डित किया जा सकता है।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 144 का अर्थ ?
IPC की धारा 144 को आसान भाषा में समझने के लिए हमें धारा 143 अवलोकन करना होगा, क्योकि 144 धारा 143 का ही उग्र रूप है। यहाँ पर स्पष्ट रूप से बताया गया है कि बल प्रयोग करने के इरादे से, हथियार या घातक हथियार जैसे पिस्तौल, बंदूकें, भाले, तलवारें से लेकर खंजर आदि से भी सार्वजनिक शांति को भंग करने वाले व्यक्ति को सजा दिए जाने की बात कही गई है।
जब कभी कोई व्यक्ति किसी गैरकानूनी असेंबली यहाँ आपको बता दें कि “गैरकानूनी असेंबली का अर्थ” कही पर पांच या पांच से अधिक लोगों का किसी गैरकानूनी कार्य के लिए इकट्ठा होना, जो घातक हथियार से लैस हो, यहाँ पांच या पांच से अधिक लोगो का होना बेहद आवश्यक है। धारा के अनुसार, जो कोई भी गैरकानूनी असेंबली का सदस्य है, जो घातक हथियार से लैस है, या ऐसा कुछ जो अपराध के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, और जिससे मौत की संभावना है, ऐसे व्यक्ति को साधारण या कठोर कारावास से दंडित करती है जो 2 वर्ष तक या जुर्माना या दोनों के साथ दण्डित किया जा सकता है।
आईपीसी की धारा 144 में सजा (Punishment) क्या होगी
“विधिविरुद्ध जनसमूह के किसी सदस्य द्वारा किए गये अपराध में उस जनसमूह का हर सदस्य दोषी होगा“ यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 144 में किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | इसके लिए उस व्यक्ति को जिसके द्वारा ऐसा किया गया है उसको सजा 2 वर्ष तक का कारावास या आर्थिक दण्ड या फिर दोनों दंड से दण्डित किया जा सकता है | यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
आईपीसी (IPC) की धारा 144 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 144 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक जमानती और संज्ञेय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि जमानतीय और संज्ञेय अपराध होने पर इसमें जमानत मिलने का प्रावधान है क्योंकी CrPC में यह जमानतीय अपराध बताया गया है ।
उपरोक्त वर्णन से आपको भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 144 के बारे में जानकारी हो गई होगी | इसमें क्या अपराध बनता है कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इस अपराध को कारित करने पर क्या सजा होगी ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, साथ ही इसमें जमानत के क्या प्रावधान होंगे ? यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
किसी भी घातक हथियार से लैस गैरकानूनी सभा में शामिल होना | 2 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |
दरअसल इस बात को समझने की जरूरत है कि धारा 144 के प्रावधानों के मुताबिक सिर्फ 3 या 3 से ज्यादा व्यक्ति के एक जगह पर इकट्ठा होने पर नहीं बल्कि एक व्यक्ति के भी वहां होने पर उसे हिरासत में लिया जा सकता है. ये मजिस्ट्रेट पर निर्भर करता है कि वो एक आदमी के एक जगह होने पर क्या सोचता है. अगर एक व्यक्ति के भी एक जगह पर खड़ा होने से किसी तरह का खतरा, आम जनता के लिए भय का वातावरण या किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था का मसला खड़ा होता है, तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है. इमरजेंसी के हालात में बिना किसी पूर्व सूचना के धारा 144 लागू कर किसी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.