आईपीसी धारा 498 क्या है
भारतीय दंड संहिता में ” विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना, या ले जाना या निरुद्ध रखना ” (IPC) की धारा 498 में परिभाषित (डिफाइन) किया गया है | यहाँ हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 498 किस तरह अप्लाई होगी | भारतीय दंड संहिता यानि कि IPC की धारा 498 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |
(IPC Section 498) – विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना, या ले जाना या निरुद्ध रखना
इस पोर्टल के माध्यम से भारतीय दंड सहिता की धारा 342 में “विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना, या ले जाना या निरुद्ध रखना ” इस अपराध के बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं, और इसमें कितनी सजा देने की बात कही गई है? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498 में जमानत के बारे में क्या बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 498 के अनुसार :-
विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना, या ले जाना या निरुद्ध रखना–
“जो कोई किसी स्त्री को, जो किसी अन्य पुरुष की पत्नी है, और जिसका अन्य पुरुष की पत्नी होना वह जानता है, या विश्वास करने का कारण रखता है. उस पुरुष के पास से या किसी ऐसे व्यक्ति के पास से, जो उस पुरुष की ओर से उसकी देखरेख करता है, इस आशय से ले जाएगा, या फुसलाकर ले जाएगा कि वह किसी व्यक्ति के साथ अयुक्त संभोग करे या इस आशय से ऐसी किसी स्त्री को छिपाएगा या निरुद्ध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से. दण्डित किया जाएगा “।
S. 498 – “Enticing or taking away or detaining with criminal intent a married woman”–
“Whoever takes or entices away any woman who is and whom he knows or has reason to believe to be the wife of any other man, from that man, or from any person having the care of her on behalf of that man, with intent that she may have illicit intercourse with any person, or conceals or detains with that intent any such woman, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both”.
लागू अपराध (IPC Section 498)
विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से बहला – फुसलाकर ले जाना, या निरुद्ध रखना।
सजा – 2 वर्ष का कारावास या आर्थिक दंड या दोनों दिए जा सकते हैं |
यह एक जमानती, गैर – संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध पीड़ित पति और पत्नी द्वारा समझौता करने योग्य है।
आईपीसी की धारा 498 में सजा (Punishment) क्या होगी
किसी व्यक्ति को ग़लत तरीके से प्रतिबंधित करेगा या सदोष परिरोध करेगा तब उसके लिए दंड का निर्धारण भारतीय दंड संहिता में धारा 498 के तहत किया गया है | यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498 में विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से फुसलाकर ले जाना, या ले जाना या निरुद्ध रखने पर इस अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | इसके लिए उस व्यक्ति को जिसके द्वारा ऐसा किया जाता है, उसको – 2 वर्ष कारावास या जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं ।
आईपीसी (IPC) की धारा 498 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक जमानती और गैर-संज्ञेय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिल जाती है , क्योंकी CrPC में यह जमानतीय अपराध बताया गया है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498 के बारे में जानकारी हो गई होगी | इसमें क्या अपराध बनता है कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इस अपराध को कारित करने पर क्या सजा होगी ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, साथ ही इसमें जमानत के क्या प्रावधान होंगे ? यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
विवाहित स्त्री को आपराधिक आशय से बहला – फुसलाकर दूर ले जाना, या निरुद्ध रखना | | 2 साल के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों | गैर – संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |