सीआरपीसी की धारा 207 क्या है
दंड प्रक्रिया सहिता में “अभियुक्त को पुलिस रिपोर्ट या अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि देना“ इसका प्रावधान सीआरपीसी (CrPC) की धारा 207 में किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि दंड प्रक्रिया सहिता (CrPC) की धारा 207 के लिए किस तरह अप्लाई होगी | दंड प्रक्रिया सहिता यानि कि CrPC की धारा 207 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा |
(CrPC Section 207) Dand Prakriya Sanhita Dhara 207 (अभियुक्त को पुलिस रिपोर्ट या अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि देना)
इस पेज पर दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 207 में “अभियुक्त को पुलिस रिपोर्ट या अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि देना“ इसके बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं ? इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 207 कब नहीं लागू होगी ये भी बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ले सकते हैं |
CrPC (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ) की धारा 207 के अनुसार :-
अभियुक्त को पुलिस रिपोर्ट या अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि देना—
किसी ऐसे मामले में जहाँ कार्यवाही पुलिस रिपोर्ट के आधार पर संस्थित की गई है, मजिस्ट्रेट निम्नलिखित में से प्रत्येक की एक प्रतिलिपि अभियुक्त को अविलंब नि:शुल्क देगा:
(i) पुलिस रिपोर्ट:
(ii) धारा 154 के अधीन लेखबद्ध की गई प्रथम इत्तिला रिपोर्ट ;
(iii) धारा 161 की उपधारा (3) के अधीन अभिलिखित उन सभी व्यक्तियों के कथन, जिनकी अपने साक्षियों के रूप में परीक्षा करने का अभियोजन का विचार है, उनमें से किसी ऐसे भाग को छोड़कर जिनको ऐसे छोड़ने के लिए निवेदन धारा 173 की उपधारा (6) के अधीन पुलिस अधिकारी द्वारा किया गया है;
(iv) धारा 164 के अधीन लेखबद्ध की गई संस्वीकृतियां या कथन, यदि कोई हों;
(v) कोई अन्य दस्तावेज या उसका सुसंगत उद्धरण, जो धारा 173 की उपधारा (5) के अधीन पुलिस रिपोर्ट के साथ मजिस्ट्रेट को भेजी गई है:
परंतु मजिस्ट्रेट खण्ड (i) में निर्दिष्ट कथन के किसी ऐसे भाग का परिशीलन करने और ऐसे निवेदन के लिए पुलिस अधिकारी द्वारा दिए गए कारणों पर विचार करने के पश्चात् यह निदेश दे सकता है कि कथन के उस भाग की या उसके ऐसे प्रभाग की, जैसा मजिस्ट्रेट ठीक समझे, एक प्रतिलिपि अभियुक्त को दी जाए :
परंतु यह और कि यदि मजिस्ट्रेट का समाधान हो जाता है कि खंड (v) में निर्दिष्ट कोई दस्तावेज विशालकाय है तो वह अभियुक्त को उसकी प्रतिलिपि देने के बजाय यह निदेश देगा कि उसे स्वयं या प्लीडर द्वारा न्यायालय में उसका निरीक्षण ही करने दिया जाएगा।
According to Section. 207 – “Supply to the accused of copy of police report and other documents ”–
In any case where the proceeding has been instituted on a police report, the Magistrate shall without delay furnish to the accused, free of cost, a copy of each of the following:-
(i) the police report;
(ii) the first information report recorded under section 154;
(iii) the statements recorded under sub- section (3) of section 161 of all persons whom the prosecution proposes to examine as its witnesses, excluding therefrom any part in regard to which a request for such exclusion has been made by the police officer under sub- section (6) of section 173;
(iv) the confessions and statements, if any, recorded under section 164;
(v) any other document or relevant extract thereof forwarded to the Magistrate with the police report under sub- section (5) of section 173:
Provided that the Magistrate may, after perusing any such part of a statement as is referred to in clause (iii) and considering the reasons given by the police officer for the request, direct that a copy of that part of the statement or of such portion thereof as the Magistrate thinks proper, shall be furnished to the accused:
Provided further that if the Magistrate is satisfied that any document referred to in clause (v) is voluminous, he shall, instead of furnishing the accused with a copy thereof, direct that he will only be allowed to inspect it either personally or through pleader in Court.
आपको आज दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 207 “अभियुक्त को पुलिस रिपोर्ट या अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि देना” इसके बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |