आवश्यक वस्तु अधिनियम,1955 (Essential Commodities Act) क्या है |


आवश्यक वस्तु अधिनियम जिसे अंग्रेजी में Essential Commodities Act भी कहते हैं, हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा इसमें महत्वपूर्ण संशोधन किया गया जिससे आने वाले समय में आमूल – चूल परिवर्तन देखने को मिलेगा ऐसा मौजूदा गवर्नमेंट द्वारा बताया जा रहा है |

आज हम इसी बात पे चर्चा करने जा रहे हैं जिसमे आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) क्या है ये देखेंगे और साथ ही आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) में क्या संशोधन और बदलाव किये गए हैं इसको भी यहाँ कवर करेंगे और इसकी महत्वपूर्ण धाराएं जोकि अक्सर सुर्खियों में रहती है |

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आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 क्या है ?

भारत सरकार द्वारा 1955 में आवश्यक वस्तुओ को रेगुलेट करने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 लाया गया जिसमे आलू प्याज दाल इत्यदि जो एक आम नागरिक को अत्यंत आवश्यक होती है ऐसी वस्तुओं के आपूर्ति और वितरण को नियंत्रित करने के लिए इस अधिनियम का उपयोग सरकार द्वारा किया जाता है। अभी जल्द ही सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) में बहुत महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है जिसमे कुछ वस्तओं को आवश्यक वस्तु में शामिल किया गया है और कुछ को इस एक्ट से बाहर किया गया है |

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आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 (Essential Commodities Act, 1955) में संशोधन

केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 (Essential Commodities Act, 1955) में संशोधन करते हुए मास्क (2 प्लाई एवं 3 प्लाई सर्जिकल मास्क, एन-95 मास्क) और हैंड सैनिटाइज़र को दिनांक 30 जून, 2020 तक आवश्यक वस्तु के रूप में घोषित किया था, और अब  सितम्बर 2020 में आलू, प्याज, टमाटर, अरहर, उरद, सेहत सभी दाल को और सरसो के साथ सभी तिलहन  से भण्डारण की सीमा को समाप्त करने का बिल दोनों सदनों में पारित करवाया |

संज्ञेय अपराध (Cognisable Offence) क्या है

आपको बताते चले की आम आदमी को अधिक कीमत आवश्यक वस्तु के लिए न देनी पड़े इसके लिए उन वस्तुंओं को आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत सूचीबद्ध करती है जिस पर सरकार का नयंत्रण होता है | सरकार इस लिस्ट में समय- समय पर बदलाव भी करती रहती है | माना जा रहा है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत इस बिल को दोनो सदनो से पास करने का सरकार का साफ़ मकसद है कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करना | केंद्र सरकार का मानना है कि संशोधित विधेयक से उत्‍पाद, उत्‍पाद सीमा, आवाजाही, वितरण व आपूर्ति की आजादी मिलेगी और बिक्री की अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र और विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश आकर्षित होगा |

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दंडात्मक प्रावधान क्या है

आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत, जो भी कोई इसका उल्लंघन करेगा तब उल्लंघनकर्त्ता को 7 वर्ष का कारावास अथवा जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है तथा काला बाज़ारी निवारण एवं आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम के तहत उसे अधिकतम 6 माह के लिये नज़रबंद भी किया जा सकता है।

आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3 और 7 क्या है ?

धारा 3 उपधारा 1 –  यदि केंद्र सरकार का यह विचार हो कि किसी आवश्यक वस्तु की आपूर्ति को बनाये रखने या वस्तु बढ़ाने के लिए या उचित मूल्य पर सामान वितरण और उपलब्धता को बनाये रखने के लिए ऐसा करना आवश्यक या उचित है और भारत की रक्षा के लिए या सैन्य संचालन के कुशल संचालन के लिए किसी आवश्यक वस्तु की प्राप्ति करने लिए ऐसा करना आवश्यक या उचित है, तो केंद्र सरकार आदेश द्वारा वस्तु के उत्पादन आपूर्ति और वितरण तथा उसमे व्यापर और वाण्जिय को नियमित या प्रतिषेध के लिए प्रावधान कर सकेगी।

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धारा 3 उपधारा 2 –  उपधारा 1 में दी गयी शक्तियों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव दाले बिना, एक आदेश द्वारा निम्नलिखित प्रावधान किया जा सकेगा :-

(क) :-  किसी आवश्यक वस्तु के उत्पादन या विनिर्माण के लिए लाइसेंस परमिट द्वारा या अन्यथा विनियमन के लिए प्रावधान,

(ख):- किसी बंजर भूमि या कृषि भूमि को, चाहे वह किसी भवन से जुडी हो या न हो उस पर सामान्यतः खाद्य फसलों या विनिर्दिष्ट फसलों को उगने के लिए खेती के अधीन लाना और सामान्यतः फसलों और विनिर्दिष्ट खाद्य फसलों की खेती को बनाये रखने या बढ़ाये रखने के लिए प्रावधान किये जा सकेंगे,

(ग):-  ऐसी कीमत नियंत्रित करना जिस पर किसी आवश्यक वस्तु को ख़रीदा या बेचा जा सकेगा,

(घ) :- किसी आवश्यक वस्तु के भंडारण ,परिवहन, वितरण, उपयोग, प्राप्ति, प्रयोग या उपभोग का लाइसेंस, परमिट द्वारा अन्यथा विनियमन,

(ड.) :- समान्तयः बेचे जाने के लिए रखी गयी किसी आवश्यक वस्तु को बेचने से रोकने के पर प्रतिबनध लगाना,

(च):- किसी व्यक्ति से , जो किसी आवश्यक वस्तु को स्टाक में रखता है व उसके उत्पादन में या उसे बेचने या खरीदने के कारोबार में लगा हुआ है, यह उम्मीद करना कि वह :-

       (क) :- उस सम्पूर्ण मात्रा या उसके विनिर्दिष्ट भाग का, जिसे वह स्टाक में रखता है या जिसका उसने उत्पादन किया हुआ या जिसे वह प्राप्त करता है, उस उत्पादन की बिक्री करेगा,

      (ख़):- किसी ऐसी वस्तु की दशा में , जिसका वह सम्भवतः उत्पादन करेगा या जिसे सम्भवतः प्राप्त करेगा, उसके द्वारा उत्पादन या प्राप्त करने पर उस सम्पूर्ण वस्तु या उसके विनिर्दिष्ट भाग की बिक्री करेगा।

आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 7 दंड का प्रावधान करती है, यदि कोई व्यक्ति धारा 3 के अधीन किये गए  किसी भी आदेश का उल्लंघन करेगा, तो वह दण्डित किया जायेगा। 

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आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में कौन सी वस्तुए शामिल है ?

आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955, की धारा 2 उपखण्ड () के अंतर्गत 7 बड़ी चीजों को आवश्यक वस्तुओं की सूची में डाला गया है –

  1. औषधि।
  2. उर्वरक – कार्बनिक, अकार्बनिक या मिश्रित हो.
  3. खाद्य पदार्थ जिसके अंतर्गत खाद्य :- दाल, चावल, गेंहूं, गन्ना, गुड़, चीनी, तेल और तिलहन शामिल है। ( सितंबर 2020 से संशोधित बिल द्वारा अब हटा दिया गया है |)
  4. पूर्णयता कपास से बना अट्टु सूत।
  5. पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पाद।
  6. कच्चा जूट और जूट टेक्सटाइल।
  7. खाद्य फसलों के बीज और फलो तथा वनस्पतियों की बीज,  पशु चारे के बीज, जूट और कपास के बीज।

समय समय पर सरकार देश की परिस्थित के अनुसार इन 7 आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में अन्य आवश्यक वस्तुओं को जोड़ भी सकती और हटा ही सकती है। हाल ही में देश विदेश में फैली कोरोना  वायरस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए इस सूची में दो वस्तुओ को आवश्यक वस्तुओ की सूची में जोड़ा गया ;-

  1. सैनिटाइजर,
  2. मास्क।

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कैसे दर्ज कराएं शिकायत ?

राज्य सरकारों को उपरोक्त दोनों चीजों की शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन जारी करने की सलाह दी गई है। वैसे अगर आपसे कोई वस्तु का ज्यादा दाम वसूलता है या जमाखोरी करता है तो आप इसकी शिकायत नैशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर 1800-11-4000 पर कर सकते हैं। ऑनलाइन शिकायत www.consumerhelpline.gov.in पर की जा सकती है या विभाग की वेबसाइट www.consumeraffairs.nic.in पर। मेल के माध्यम से dsadmin-ca@nic.in और dirwm-ca@nic.insecy.doca@gov.in पर भी शिकायत भेज सकते हैं।

भारतीय कानून की जानकारी

आपको आज आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के बारे में जानकारी हो गई होगी | इसमें क्या अपराध बनता है कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इस अपराध को कारित करने पर क्या सजा होगी ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  हमें  कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |

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