आईपीसी धारा 11 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 11 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 11 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 11 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 11 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 11 के अनुसार :-
व्यक्ति –
“ कोई भी कंपनी या संगम, या व्यक्ति निकाय चाहे वह निगमित हो या नहीं, “व्यक्ति शब्द के अन्तर्गत आता है ।
According to Section 11 – “Person”–
“ The word “person” includes any Company or Association, or body of persons, whether incorporated or not ”.
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 11 का अर्थ
इस धारा का अर्थ है किइस संहिता में कोई भी कंपनी या संगम, या व्यक्ति निकाय चाहे वह रजिस्टर्ड हो या न हो, उसे एक प्रकार से व्यक्ति ही समझा जायेगा और इसी शब्द के अन्तर्गत आएगा |
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 11 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |