आईपीसी धारा 152 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 152 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 152 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 152 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
लोक सेवक जब बल्वे इत्यादि को दबा रहा हो, तब उस पर हमला करना या उसे बाधित करना
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 152 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 152 के अनुसार :-
लोक सेवक जब बल्वे इत्यादि को दबा रहा हो, तब उस पर हमला करना या उसे बाधित करना
जो कोई ऐसे किसी लोक सेवक पर, जो विधिविरुद्ध जमाव के बिखेरने का, या बल्वे या दंगे को दबाने का प्रयास ऐसे लोक सेवक के नाते अपने कर्तव्य के निर्वहन में कर रहा हो, हमला करेगा या उसको हमले की धमकी देगा या उसके काम में बाधा डालेगा या बाधा डालने का प्रयत्न करेगा या ऐसे लोक सेवक पर आपराधिक बल का प्रयोग करेगा या करने की धमकी देगा, या करने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
Section 152 – “ Assaulting or obstructing public servant when suppressing riot, etc ”–
“Whoever assaults or threatens to assault, or obstructs or attempts to obstruct, any public servant in the discharge of his duty as such public servant, in endeavouring to disperse an unlawful assembly, or to suppress a riot or affray, or uses, or threatens, or attempts to use criminal force to such public servant, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, or with fine, or with both.”
लागू अपराध
लोक सेवक जब बल्वे इत्यादि को दबा रहा हो, तब उस पर हमला करना या उसे बाधित करना
सजा – 3 वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों हो सकते हैं |
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
आईपीसी की धारा 152 में सजा (Punishment) क्या होगी
यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 152 किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – सबूत के रूप में इसके उत्पादन को रोकने के लिए किसी भी दस्तावेज़ को सुरक्षित या नष्ट करना , उसको 3 वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों दण्ड दण्डित |
आईपीसी (IPC) की धारा 152 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 152 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक जमानती अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिल जाती है, क्योंकी CrPC में यह जमानतीय अपराध बताया गया है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 152 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
लोक सेवक जब बल्वे इत्यादि को दबा रहा हो, तब उस पर हमला करना या उसे बाधित करना | 3 वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |