आईपीसी धारा 234 क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 234 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 234 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 234 क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
भारतीय सिक्के के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 234 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 234 के अनुसार :-
भारतीय सिक्के के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना
“जो कोई किसी डाई या उपकरण को भारतीय सिक्के के कूटकरण के लिए उपयोग में लाए जाने के प्रयोजन से. या यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह [भारतीय सिक्के के कूटकरण में उपयोग में लाए जाने के लिए आशयित है, बनाएगा या सुधारेगा या बनाने या सुधारने की प्रक्रिया के किसी भाग को करेगा अथवा खरीदेगा, बेचेगा या व्ययनित करेगा वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।“
Section 234 – “Making or selling instrument for counterfeiting Indian coin ”–
“Whoever makes or mends, or performs any part of the process of making or mending, or buys, sells or disposes of, any die or instrument, for the purpose of being used, or knowing or having reason to believe that it is intended to be used, for the purpose of counterfeiting 1[Indian coin], shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.”
लागू अपराध
भारतीय सिक्के को जालसाजी करने के उद्देश्य से उपकरण बनाना, खरीदना या बेचना
सजा – 7 साल कारावास + आर्थिक दण्ड |
यह एक ग़ैर- जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
आईपीसी की धारा 234 में सजा (Punishment) क्या होगी
यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 234 किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – भारतीय सिक्के को जालसाजी करने के उद्देश्य से उपकरण बनाना, खरीदना या बेचना , उसको 7 साल कारावास + आर्थिक दण्ड से दण्डित |
आईपीसी (IPC) की धारा 234 में जमानत (BAIL) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 234 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक ग़ैर- जमानती अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि ग़ैर- जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिलने में मुश्किल होती है, क्योंकी CrPC में यह ग़ैर- जमानतीय अपराध बताया गया है ।
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 234 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
भारतीय सिक्के को जालसाजी करने के उद्देश्य से उपकरण बनाना, खरीदना या बेचना | 7 साल कारावास + आर्थिक दण्ड | संज्ञेय | ग़ैर- जमानतीय | सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता) |