आईपीसी धारा 257 क्या है | IPC Section 257 in Hindi – विवरण सजा का प्रावधान


आईपीसी धारा 257 क्या है

आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 257 की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे  कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 257 किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC)  की धारा 257 क्या है,  इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |

सरकारी स्टाम्प के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना

इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 257 क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |

आईपीसी धारा 201 क्या है



IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा) की धारा 257 के अनुसार :-

सरकारी स्टाम्प के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना

“जो कोई सरकार के द्वारा राजस्व के प्रयोजन के लिए प्रचालित किसी स्टाम्प के कूटकरण के लिए उपयोग में लाए जाने के प्रयोजन से, या यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह ऐसे कूटकरण के लिए उपयोग में लाए जाने के लिए आशयित है, कोई उपकरण बनाएगा या बनाने की प्रक्रिया के किसी भाग को करेगा या ऐसे किसी उपकरण को खरीदेगा, या बेचेगा या व्ययनित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।“

IPC Section 257 –  “ Making or selling instrument for counterfeiting Government stamp ”–

“Whoever makes or performs any part of the process of making, or buys, or sells, or disposes of, any instrument for the purpose of being used, or knowing or having reason to believe that it is intended to be used, for the purpose of counterfeiting any stamp issued by Government for the purpose of revenue, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.”

आईपीसी धारा 211 क्या है

लागू अपराध

सरकारी स्टाम्प के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना

सजा – 7 वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड |

यह एक ग़ैर- जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

आईपीसी धारा 279 क्या है

आईपीसी की धारा 257 में सजा (Punishment) क्या होगी

यहाँ भारतीय दंड संहिता में धारा 257 किये गए अपराध के लिए सजा को निर्धारित किया गया हैं | जो इस प्रकार है – सरकारी स्टाम्प के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना, उसको 7 वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड दोनों से दण्डित |

आईपीसी धारा 290 क्या है

आईपीसी (IPC) की धारा 257 में  जमानत  (BAIL) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 257 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक ग़ैर- जमानती अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि ग़ैर- जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत जमानत मिलने में मुश्किल होती है, क्योंकी CrPC में यह ग़ैर- जमानतीय अपराध बताया गया है ।

आईपीसी धारा 292 क्या है

मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 257 के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  हमें  कमेंट  बॉक्स  के  माध्यम  से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |

आईपीसी धारा 294 क्या है

अपराधसजासंज्ञेयजमानतविचारणीय
सरकारी स्टाम्प के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना7 वर्ष कारावास + आर्थिक दण्डसंज्ञेयग़ैर- जमानतीयप्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता)

आईपीसी धारा 295 क्या है


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