आईपीसी धारा 283 क्या है | IPC 283 in Hindi | धारा 283 में सजा और जमानत


आईपीसी धारा 283 क्या है

भारतीय दंड संहिता में “लोक मार्ग या पथ-प्रदर्शन मार्ग में संकट, बाधा या क्षति कारित करना” इसके लिए प्रावधान (IPC) की धारा 283 में किया गया है | यहाँ हम आपको ये बताने का प्रयास करेंगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 283 किस तरह अप्लाई होगी | भारतीय दंड संहिता यानि कि IPC की धारा 283 क्या है ? इसके सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से यहाँ समझने का प्रयास करेंगे | आशा है हमारी टीम द्वारा किया गया प्रयास आपको पसंद आ रहा होगा | पसंद आने पर आर्टिकल शेयर जरूर करें |

(IPC Section 283) लोक मार्ग या पथ-प्रदर्शन मार्ग में संकट, बाधा या क्षति कारित करना

इस पेज पर भारतीय दंड सहिता की धारा 283 मेंलोक मार्ग या पथप्रदर्शन मार्ग में संकट, बाधा या क्षति कारित करना इसके बारे में क्या प्रावधान बताये गए हैं, इनके बारे में पूर्ण रूप से इस धारा में चर्चा की गई है | साथ ही भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 283 में जमानत के बारे में क्या बताया गया है ? इसको भी यहाँ जानेंगे, साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी  ले सकते हैं |

लोक मार्ग या नौपरिवहन पथ में संकट या बाधा

आईपीसी धारा 279 क्या है



IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 283 के अनुसार :-

लोक मार्ग या नौपरिवहन पथ में संकट या बाधा

जो कोई किसी कार्य को करके या अपने कब्जे में की, या अपने भारसाधन के अधीन किसी सम्पत्ति की व्यवस्था करने का लोप करने द्वारा, किसी लोकमार्ग या नौपरिवहन के लोक पथ में किसी व्यक्ति को संकट बाधा या क्षति कारित करेगा वह जुर्माने से, जो दो सौ रुपए तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा ।

Section. 283 –   “ Danger or obstruction in public way or line of navigation ”–

Whoever, by doing any act, or by omitting to take order with any property in his possession or under his charge, causes danger, obstruction or injury to any person in any public way or public line of navigation, shall be punished with fine which may extend to two hundred rupees.

आईपीसी धारा 290 क्या है

लागू अपराध (IPC Section 283)

लोक मार्ग या पथप्रदर्शन मार्ग में संकट, बाधा या क्षति कारित करना।

सजा –  200 रुपये तक आर्थिक दण्ड

यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मॅजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं  है।

आईपीसी धारा 291 क्या है

आईपीसी की धारा 283 में सजा (Punishment) क्या होगी

लोक मार्ग या पथ-प्रदर्शन मार्ग में संकट, बाधा या क्षति कारित करना इसके लिए दंड का निर्धारण  भारतीय दंड संहिता में धारा 283 के तहत किया गया है | यहाँ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 283 में ऐसा अपराध करने पर 200 रुपये तक आर्थिक दण्ड दिया जायेगा ।

आईपीसी धारा 292 क्या है

आईपीसी (IPC) की धारा 283 में  जमानत  (BAIL) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 283 में जिस अपराध की सजा के बारे में बताया गया है उस अपराध को एक जमानती और संज्ञेय अपराध बताया गया है | यहाँ आपको मालूम होना चाहिए कि जमानतीय अपराध होने पर इसमें जमानत मिल जाती है,  क्योकि इसको CrPC में संज्ञेय श्रेणी का जमानतीय अपराध बताया गया है |

आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 283 लोक मार्ग या पथप्रदर्शन मार्ग में संकट, बाधा या क्षति कारित करना के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा | इस अपराध को कारित करने पर क्या सजा होगी ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, साथ ही इसमें जमानत के क्या प्रावधान होंगे ? यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |

आईपीसी धारा 294 क्या है

अपराधसजासंज्ञेयजमानतविचारणीय
किसी भी सार्वजनिक तरीके या नेविगेशन की लाइन में खतरे, बाधा या चोट के कारण200 रुपये तक आर्थिक दण्ड संज्ञेयजमानतीयकोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय (ट्रायल किया जा सकता)

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