आईपीसी धारा 53 [A] क्या है
आज हम आपके लिए इस पेज पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 53 [A] की जानकारी लेकर आये है | यहाँ हम आपको बताएँगे कि भारतीय दंड सहिता (IPC) की धारा 53 [A] किस प्रकार से परिभाषित की गई है और इसका क्या अर्थ है ? भारतीय दंड संहिता यानि कि आईपीसी (IPC) की धारा 53 [A] क्या है, इसके बारे में आप यहाँ जानेंगे |
निर्वासन के प्रति निर्देश का अर्थ लगाना
इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ धारा 53 [A] क्या बताती है ? इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य धाराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
IPC (भारतीय दंड संहिता की धारा ) की धारा 53 [A] के अनुसार :-
निर्वासन के प्रति निर्देश का अर्थ लगाना
(1) उपधारा (2) और उपधारा (3) के उपबन्धों के अध्यधीन किसी अन्य तत्समय प्रवॄत्त विधि में, या किसी ऐसी विधि या किसी निरसित अधिनियमिति के आधार पर प्रभावशील किसी लिखत या आदेश में आजीवन निर्वासन के प्रति निर्देश का अर्थ यह लगाया जाएगा कि वह आजीवन कारावास के प्रति निर्देश है ।
(2) हर मामले में, जिसमें कि किसी अवधि के लिए निर्वासन का दण्डादेश दण्ड प्रव्रिEया संहिता (संशोधन) अधिनियम, 1[1955 (1955 का 26)] के प्रारम्भ से पूर्व दिया गया है, अपराधी से उसी प्रकार बरता जाएगा, मानो वह उसी अवधि के लिए कठिन कारावास के लिए दण्डादिष्ट किया गया हो ।
(3) किसी अन्य तत्समय प्रवॄत्त विधि में किसी अवधि के लिए निर्वासन या किसी लघुतर अवधि के लिए निर्वासन के प्रति (चाहे उसे कोई भी नाम दिया गया हो) कोई निर्देश लुप्त कर दिया गया समझा जाएगा ।
(4) किसी अन्य तत्समय प्रवॄत्त विधि में निर्वासन के प्रति जो कोई निर्देश हो—
(क) यदि उस पद से आजीवन निर्वासन अभिप्रेतहै, तो उसका अर्थ आजीवन कारावास के प्रति निर्देश होना लगाया जाएगा ;
(ख) यदि उस पद से किसी लघुतर वधि के लिए निर्वासन अभिप्रेत है, तो यह समझा जाएगा कि वह लुप्त कर दिया गया है ।
According to Section 53 [A] – “Construction of reference to transportation ”–
(1) Subject to the provisions of sub-section (2) and sub-section (3), any reference to “transportation for life” in any other law for the time being in force or in any instrument or order having effect by virtue of any such law or of any enactment repealed shall be construed as a reference to “imprisonment for life”.
(2) In every case in which a sentence of transportation for a term has been passed before the commencement of the Code of Criminal Procedure (Amendment) Act, 2[1955] (26 of 1955), the offender shall be dealt with in the same manner as if sentenced to rigorous imprisonment for the same term.
(3) Any reference to transportation for a term or to transportation for any shorter term (by whatever name called) in any other law for the time being in force shall be deemed to have been omitted.
(4) Any reference to “transportation” in any other law for the time being in force shall,-
(a) If the expression means transportation for life, be construed as a reference to imprisonment for life;
(b) If the expression means transportation for any shorter term, be deemed to have been omitted.
मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 53 [A] के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे इस धारा को लागू किया जायेगा ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस धारा से सम्बन्धित या अन्य धाराओं से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |