Model Tenancy Act 2021 in Hindi | किरायेदारी अधिनियम 2021


Model Tenancy Act 2021

आज भी हमारे देश में मकान-मालिक और किरायेदार के बीच होनें वाले विवादों को लेकर हजारों मामले काफी लम्बी अवधि से न्यायालयों में विचाराधीन है | ऐसे में मकान-मालिक और किरायेदार दोनों को मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है | दरअसल देश में मकान-मालिक और किरायेदारी को लेकर बनाये गये कानून व्यवस्था में कई खामियां हैं |

इस प्रकार की खामियों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार नें 2 जून 2021 को किरायेदारी अधिनियम अर्थात मॉडल टेनंसी एक्ट (Model Tenancy Act) को मंजूरी दी है | Model Tenancy Act 2021, किरायेदारी अधिनियम 2021 क्या है, इससे मकान मालिक और किराएदार को लाभ कैसे मिलेगा? इसके बारें में यहाँ पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |

इस पोर्टल के माध्यम से यहाँ Model Tenancy Act 2021 in Hindi | किरायेदारी अधिनियम 2021 | Download PDF इसके बारे में पूर्ण रूप से बात होगी | साथ ही इस पोर्टल www.nocriminals.org पर अन्य महत्वपूर्ण लॉ से सम्बंधित विषयों  के बारे में विस्तार से बताया गया है आप उन आर्टिकल के माध्यम से अन्य लॉ के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |



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किरायेदारी अधिनियम 2021 क्या है (What Is Model Tenancy Act 2021)

देश में मौजूदा हालातों को देखते हुए वर्तमान समय में अपना मकान किराये पर देना या मकान किराये पर लेना, मकान-मालिक और किराएदार दोनों के लिए परेशानी वाला काम है | देश में किरायेदारी को लेकर बढ़ते हुए विवादों को देखते हुए बहुत से लोग अपनी संपत्ति अर्थात मकान आदि किराये पर देने से कतराते है, जिसके कारण बहुत से घरों में ताला लगा हुआ है| इस प्रकार की समस्याओं को देखते हुए कैबिनेट नें किरायेदारी अधिनियम या मॉडल टेनंसी एक्ट को स्वीकृति दे दी है| वर्तमान किरायेदार कानून में संशोधन अथवा नया कानून बनाकर लागू किया जायेगा| नए मॉडल टेनंसी एक्ट से मकान मालिक और किराएदार को क्या लाभ मिलेंगे, इसका विवरण इस प्रकार है-

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मकान मालिक और किराएदार को मिलेंगे कानूनी अधिकार (Landlord and Tenant Legal Rights)

नए मॉडल टेनंसी एक्ट से मकान मालिक के साथ ही किराएदार को भी कई अधिकार मिलेंगे| यदि किसी कारणवश संपत्ति के मालिक और किराएदार में किसी बात को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है, तो इस विवाद को समाप्त करनें के लिए दोनों को कानूनी अधिकार मिलेंगे, कोई किसी की संपत्ति पर कब्ज़ा नहीं कर सकता|  इसके साथ ही कोई भी मकान मालिक अनावश्यक रूप से परेशान कर अचानक घर खाली करने के लिए नहीं कह सकता, नए किरायेदारी अधिनियम में इसके लिए जरूरी प्रावधान बनाए गए हैं | इस नए कानून के दायरे में सिर्फ शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल होंगे| यह सभी नए नियम आवासीय, व्यावसायिक या शैक्षिक उपयोग के लिए किराए पर दिए गए परिसर पर लागू होंगे, परन्तु औद्योगिक उपयोग हेतु किराए पर दिए गए परिसर पर लागू नहीं होगा |

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किरायेदारी अधिनियम में प्रावधान की जानकारी (Information on Provision in Tenancy Act)

नए किरायेदारी अधिनियम में मकान-मालिक और किरायेदार दोनों के लिए कई प्रावधान किये गये है, जो इस प्रकार है-

1. लिखित समझौता अनिवार्य (Written Agreement Mandatory)

किसी भी संपत्ति को लेकर मकान मालिक और किराएदार के बीच लिखित समझौता होना अनिवार्य है | नए कानून के अंतर्गत किराये पर प्रॉपर्टी लेने या देने को विनियमित करनें के लिए जिले स्तर पर ‘रेंट अथॉरिटी’ बनायीं जाएगी| कोई भी रेंट एग्रीमेंट करनें से पहले मकान मालिक और किरायेदार इस अथॉरिटी के समक्ष पेश होना होगा| इसके साथ ही दोनों पक्षों को एग्रीमेंट होने की तिथि से 2 माह के अन्दर रेंट एथॉरिटी को सूचित करना होगा |

2. एडवांस सिक्योरिटी डिपॉजिट की राशि निर्धारित (Advance Security Deposit Amount Fixed)

देश के कई बड़े शहरों में प्रापर्टी किराये पर लेने पर किरायेदारों को कम से कम 1 वर्ष का किराया एडवांस सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में देना पड़ता है| कानून बनने के बाद मकान मालिक आवासीय उद्देश्यों के लिए अधिकतम 2 माह और गैर-आवासीय उद्देश्यों हेतु अधिकतम 6 माह तक किराया ले सकेंगे |

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3. मकान खाली करानें का प्रावधान (Provision For Eviction)

मॉडल टेनेंसी अधिनियम के मुताबिक, घर या दुकान को खाली कराने के लिए यदि मकान मालिक द्वारा किराया समझौता की सभी शर्ते पूरी करनें बाद भी किराएदार मकान खाली नहीं करता है, तो मकान मालिक 2 माह के लिए किराये को दोगुना कर सकता है| इसके बावजूद भी मकान न खाली करनें पर वह किराये को चार गुना कर सकते है|       

4. मकान मालिक और किराएदार दोनों के लिए प्रावधान (Provisions For Landlord and Tenant)

अपना मकान किराये पर देने के बाद कोई भी मकान मालिक अपनें मन-मुताबिक शर्ते नहीं रख सकेंगे| यदि मकान मालिक मकान का किराया बढ़ाना चाहते है, तो इसके लिए उन्हें 3 माह पहले नोटिस देनी होगी | इसके साथ ही किरायेदार अपनी मर्जी से मकान के स्ट्रक्चरल बदलाव नहीं कर सकते है| इसके लिए उन्हें मकान मालिक से सहमती लेनी होगी |     

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5. मकान मेंटिनेंस का खर्च कौन उठाएगा (Who Bear The Cost Of House Maintenance)

मकान मेंटिनेंस के अंतर्गत मकान, खिड़की और दरवाज़ों आदि की पुताई का व्यय मकान मालिक को देना होगा| जबकि किराएदार स्विच और सॉकेट की मरम्मत, खिड़कियों में कांच, नाली की सफाई, दरवाज़ों और बगीचों तथा खुले स्थानों के रखरखाव और नाली की सफाई के लिए जिम्मेदार होगा।

6. किरायेदरों को क्या लाभ होगा (Tenants Benefit)

किराएदारों को सबसे बड़ा लाभ यह होगा, कि कोई भी मकान मालिक उन पर मनमानी शर्ते जैसे अचानक बीच में ही किराया बढ़ाना आदि से छुटकारा मिलेगा | इसके साथ ही उन्हें मकान किराये पर लेने के लिए 2 माह से अधिक सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि नहीं जमा करनी होगी| इसके साथ ही यदि मकान मालिक अपनें घर का मुआयना करना चाहता है, तो इसके लिए उन्हें 24 घंटों का लिखित नोटिस एडवांस में देना होगा।

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7. मकान मालिकों को क्या लाभ होगा (Homeowners Benefits)

नए किराया अधिनियम के अनुसार, कोई भी किराएदार किसी भी स्थिति में मकान पर कब्जा नहीं कर सकेंगे | यदि किसी कारणवश दोनों के बीच विवाद होनें पर भी मकान मालिक को किराया मिलता रहेगा | यहाँ तक कि रेंट एग्रीमेंट समाप्त होनें पर किराएदार द्वारा मकान न खाली करनें पर किराये की राशि दोगुनी मिलेगी | इसके आलावा यदि कोई किरायेदार लगातार 2 महीने तक किराये का भुगतान नहीं करता है, तो मकान मालिक रेंट कोर्ट की शरण ले सकते है | 

8. विवादों का फैसला कहां होगा (Adjudication Of Disputes)

किरायेदार और मकान-मालिक के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न होनें पर कोर्ट में यह मामला कई वर्षो तक चलता रहता है| नए किरायेदारी अधिनियम में इस समस्या का स्थायी समाधान किया गया है| नए कानून के अंतर्गत मामला रेंट कोर्ट में जानें के बाद मामले की सुनवाई कर कोर्ट को 2 माह अर्थात 60 दिनों में निर्णय देना होगा| सबसे खास बात यह है, कि इस प्रकार के मामले दीवानी अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आएंगे |

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9. नए किरायेदारी अधिनियम की आवश्यकता (New Tenancy Act Requirement)

इस समय देश में किराएदारी से सम्बंधित मामलों के लिए रेंट कंट्रोल एक्ट 1948 लागू है | इसके मुताबिक सभी राज्यों नें अपनें कानून बना रखे है, जिसमें कई प्रकार की खामियां है| दरअसल सरकार देश में किरायेदारी से सम्बंधित नियमों में एकरूपता लाना चाहती है | नये मॉडल टेनेंसी एक्ट में किराएदारी से जुड़े सभी प्रकार के मामलों पर पूरी तरह से धयन केन्द्रित किया गया है | जिससे देश में रहनें वाले सभी वर्गों के लोगो को मकान किराए पर आसानी से मिल सके और सभी खाली पड़े मकानों का इस्तेमाल हो सके।   

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मित्रों उपरोक्त वर्णन से आपको आज Model Tenancy Act 2021 in Hindi | किरायेदारी अधिनियम 2021 | Download PDF के बारे में जानकारी हो गई होगी | कैसे Model Tenancy Act 2021  को लागू किया जायेगा ?  इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इस Model Tenancy Act 2021 | किरायेदारी अधिनियम 2021 से सम्बन्धित या अन्य लॉ से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमें  कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |

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